स्ट्रेंथ ट्रेनिंग ऐसी एक्सरसाइज है जिसे नियम अनुसार करना आवश्यक होता है।स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में वजन, इलास्टिक बैंड्स या शरीर के वजन से ही कसरत की जाती है।मांसपेशियों की ताकत, आकार और शक्ति को बढ़ाने का यह एक उत्तम तरीका है। इससे आपके लचीलेपन और गति की सीमा में भी सुधार आता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से मांसपेशियों की सहनशीलता और ताकत बढ़ती है जिससे महिलाओं और पुरुषों दोनों को फायदा होता है।स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में सबसे आसान विकल्प वेट मशीन से एक्सरसाइज और डंबल करना होता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की मदद से पेट सहित पूरे शरीर के फैट को कम कर मसल्स को मजबूत बनाया जा सकता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग न केवल वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि इसका इस्तेमाल वजन बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं।स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाडज के पहले पूरी तैयारी और जानकारी जरूरी है।
शुरूआत में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग ट्रेनर की देखरेख में ही करना चाहिए क्योंकि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने में जहां फ़ायदा है वही खतरा भी है। इससे आपकी मसल्स खिंच सकती हैं और चोट भी लग सकती है। अगर चोट से बचना है तो आप पहले ठीक तरह से स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना सीखे। इसमें सभी मसल्स ग्रुप की अपनी अहमियत है, लेकिन अधेड़ लोगों को कूल्हे और पैरों की मांसपेशियों की मजबूती पर ज्यादा मेहनत करनी चाहिए।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के नियम
1. इसके लिए सबसे ज्यादा आसान विकल्प वेट मशीन से एक्सरसाइज और डंबल उठाने होते हैं। मशीन से आपको सही मूवमेंट सीखने को मिलती है।
2. मशीन को आप अपने कद के हिसाब से ही एडजस्ट करें। अगर मशीन को ठीक से एडजस्ट न किया गया हो तो आप गलत मूवमेंट में कसरत करेंगे, इससे चोट लगने की संभावनाएं बढ़ेंगी।
3. अगर आप बहुत ज्यादा वजन उठाते हैं तो आपकी कमर पर बुरा असर पड़ सकता है। शरीर के सभी हिस्से के लिए अलग-अलग स्ट्रेंथ ट्रेनिंग होती है।
4. चेस्ट के लिए बेंच प्रेस, चेस्ट प्रेस मशीन, पुश अप्स, पेक डेक मशीन आदि।
5. बैक के लिए सीटेड रो मशीन, बैक एक्सटेंनशन, पुलडाउन।
6. बाइसेप्स के लिए बाइसेप्स कर्ल, हैमर्ल, कनसेन्ट्रेशन कर्ल। ट्राइसेप्स के लिए ट्राइसेप्स एक्सटेंशन, डिप्स, किकबैक्स।
7. पेट के लिए क्रंच, रीवर्स क्रंच, ऑब्लिक ट्विस्ट, पेल्विक टिल्ट आदि होते हैं।
8. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दौरान अपने बढ़ते वजन से घबराइए मत बल्कि अपनी फिटनेस को देखिए। इसके जरिए आप लंबे समय तक फिट रह सकते हैं।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के फायदे
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से मसल्स टोन बनती हैं और लोगों को फिट बॉडी मिलती है। आइए जानते हैं इसके अन्य फायदे:-
ऊर्जा
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से दिमाग में एंडोर्फिन का स्तर बढ़ता है, जो कि आपको ऊर्जावान रखने के साथ दिमाग को भी शांत रखता है और इसके साथ ही इस ट्रेनिंग से तनाव से भी छुटकारा मिलता है।
मेटाबोलिज्म
डंबल या बारबेल जैसे भारी-भरकम टूल के साथ एक्सरसाइज करने से आपके मेटाबॉलिक रेट में बढ़ोतरी देखी जाती है। आप एक प्रभावी वेटलिफ्टिंग रूटीन और संतुलित डाइट के साथ जल्दी फैट कम कर सकते हैं।
मजबूत हड्डियां
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं क्योंकि इस दौरान आपके शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण अच्छी तरह से होता है और हड्डियों तक जरुरी पोषण पहुंच पाता है जिससे फ्रैक्चर होने की आशंका कम हो जाती है।
मसल्स
वेटलिफ्टिंग करने से आपके स्वास्थ्य बेहतर होने के अलावा मसल्स बनती हैं और शारीरिक मजबूती मिलती है। इसके साथ ही स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से मसल्स और बोन डेंसिटी में लगातार आ रही गिरावट भी रुक जाती है।
सुरक्षा संबंधी सलाह
आपको बिना उचित मार्गदर्शन के कुछ एक्ससरसाइज़ जैसे शोल्डर श्रग और साइड बैंड्स नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे चोट लग सकती है। वज़न उठाते समय अपनी सांस रोककर न रखें क्योंकि इससे आपको चक्कर आ सकते हैं और सिर में हल्कापन महसूस हो सकता है। वज़न को हमेशा धीरे से उठायें और रखें ताकि चोट न लगे और कसरत का अधिक से अधिक फायदा हो। अपनी रीढ़ की हड्डी को आवश्यकता से अधिक न मोड़ें क्योंकि इससे कमर में तकलीफ हो सकती है। इसके अलावा अपने घुटनों को थोडा मोड़ें ताकि पीठ पर तनाव न आये।